The Ultimate Guide To संक्रामक रोग से बचने के उपाय



तोक्यो महानगर सरकार के दिशानिर्देश हैं –

स्वास्थ्य मंत्रालय ने निर्णय लिया कि ज़ोकोवा की स्वीकृति का आवेदन इस नयी व्यवस्था के तहत किया जाए। विशेषज्ञों की समिति ने खाने वाली इस नयी दवा की समीक्षा की है। हालाँकि, विशेषज्ञ समिति स्वीकृति देने के अंतिम निर्णय तक पहुँचने में दो बार विफल रही। उन्होंने कहा कि इस दवा की प्रभावकारिता के बारे में गहराई के लाथ गंभीर चर्चा आवश्यक है। अंततः नवम्बर में तीसरे दौर की चर्चा में ज़ोकोवा को स्वीकृति दी गयी।

यह दवा वायरस के ब्लूप्रिंट की तरह काम करने वाले राइबोन्यूक्लिक अम्ल यानि आरएनए की अनुकृति के लिए ज़िम्मेदार एक एंज़ाइम की क्षमता को बाधित करती है।

किसी  संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक नजदीकी संपर्क में रहना

यह टीके फ़ाइज़र और मॉडर्ना द्वारा विकसित किये जा रहे हैं। इन तथाकथित द्विसंयोजक टीकों में कोरोनावायरस के वर्तमान टीके तथा ओमिक्रोन के उप-प्रकार बीए.

संक्रामक रोग, रोग जो किसी ना किसी रोगजनित कारको (रोगाणुओं) जैसे प्रोटोज़ोआ, कवक, जीवाणु, वाइरस इत्यादि के कारण होते है। संक्रामक रोगों में एक शरीर से अन्य शरीर में फैलने की क्षमता होती है। मलेरिया, टायफायड, चेचक, इन्फ्लुएन्जा इत्यादि संक्रामक रोगों के उदाहरण हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की दृष्टि[संपादित करें]

संक्रामक रोगों की रोकथाम के सामान्य उपाय क्या हैं?

ह्यूमन पॅपिलोमा वायरस (एचपीवी) : इससे व अन्य सूक्ष्मजीवों से होने वाले जैनाइटल वाट्र्स से गर्भाषय की ग्रीवा एवं शिष्न में कैन्सर तक हो सकता है। यह गुदा इत्यादि गुप्तांगों के अतिरिक्त कभी-कभी मुख में भी हो सकता है।

एक नए अध्ययन के अनुसार, चाहे कोई जानवर उड़ रहा हो, दौड़ रहा हो या तैर रहा हो, have a peek at this web-site उसकी चलने की गति सीमित होती है। वह अपनी मांसपेशियों द्वारा उत्पन्न अतिरिक्त गर्मी को प्रभावी ढंग से व्यवस्थित करते हैं।  यह अध्ययन जर्मन सेंटर फॉर इंटीग्रेटिव बायोडायवर्सिटी रिसर्च (आईडीआईवी) के अलेक्जेंडर डायर के नेतृत्व में किया गया है।

संक्रामक रोगों के नियंत्रण के लिए किए जाने वाले उपायों को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है-

हड्ड‍ियों को स्‍वस्‍थ रखने के ल‍िए डॉक्‍टर, बोन डेन्‍स‍िटी टेस्‍ट कराने की सलाह देते हैं। इस जांच से यह पता चलता है क‍ि आपकी हड्ड‍ियां क‍ितनी मजबूत हैं। टेस्ट के जर‍िए इस बात का आंकलन क‍िया जाता है क‍ि कहीं भव‍िष्‍य में हड्डि‍यों का फ्रैक्‍चर होने का खतरा तो नहीं है। बोन डेन्‍स‍िटी कम होने से हड्ड‍ियों की बीमारी जैसे- ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा भी बढ़ जाता है।    

लॉग इन / साइन अप करें माई उपचार बीमारी टीबी (तपेदिक)

अधिवृषणशोथ : इसमें पेट के निचले भाग में दर्द, वृषणकोष में खिंचाव अथवा मूत्र में रक्त आना सम्भव, यह अनेक प्रकार के सूक्ष्मजीवों से होता व फैलता पाया गया है।

इस समूह अंतर्गत संक्रमण रोगी व्यक्ति की त्वचा और श्लेष्मा झिल्ली से बाहर आता है और शारीरिक या यौन सम्पर्क के दौरान स्वस्थ व्यक्ति में उसकी त्वचा और श्लेष्मा झिल्ली के माध्यम से प्रवेश करता है। इस प्रकार का संक्रमण अप्रत्यक्ष रूप से भी संक्रमित पदार्थों के द्वारा फैल सकता है जैसे काज़ल तीली और रूमाल से ट्रैकोमा, तौलिये के द्वारा गोनोरियल वल्वोवेजिनिटिस और जुराबों के द्वारा दाद-खाज ।

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